Biwash Bipra – Manchhe Sagarmathako Paridhi Bhitra 3

बिवश बिप्र – मान्छे – सगरमाथाको परिधि भित्र – ३
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मन र मान्छे
मन–एक जीवन्त अन्तरंग !!
मान्छे–धारिलो औजार कर्म-आरनको !!
सगरमाथा—–एक आस्था
आस्था–गगनचुम्बी नक्षेत्रहरु

उफ्फ्फ्फ……..
यो बिष्लेषण पनि ….
तराजु ———-एक जैविक इजलासको !
रगत——एक महिमा नदिहरुको !
नदि—–अमृत-फल प्रसमनको !
—————भेट्यौ
————————प्रवीर धड्कनहरु !!
—————-बिश्वास गर
——————–तिम्रो
————शालीक जन्मदैछ