Shreeshisha Rai – Pani Rapantaran

श्रीशीशा राई – पानी रूपान्तरण

बगिरहेछ
पानी बगिरहेछ

तर यो अब पानी मात्र रहनेछैन
यो दूध बन्छ अब

बुँद बन्छ अमृतको
त्यसो त यो चाहेमा

जाँड – तरल बनिदिन सक्छ
भाङ – रहलपहल बनिदिन सक्छ
नसा – Continue reading “Shreeshisha Rai – Pani Rapantaran”