Ramesh Dilunchha – Saarthak Jeewan

रमेश दिलुङ्छा – सार्थक जीवन

तिम्रा
गर्विला मुटुबाट
मुठी भर समर्पण
सापट देउ
यो बतासे मनलाई……!

हेर्छु
साँझ पख
आभाष-दुरी परिपुरक लाग्छ
तर यादहरु किन
घातक यहाँ
क्षमता देउ
जिउदै जल्न लाई…..!

रात Continue reading “Ramesh Dilunchha – Saarthak Jeewan”